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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 5: सृष्टि की प्रेरणा
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अध्याय 15: राजा प्रियव्रत के वंशजों का यश-वर्णन
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श्लोक 3
श्लोक
5.15.3
अथासुर्यां तत्तनयो देवद्युम्नस्ततो धेनुमत्यां सुत: परमेष्ठी तस्य सुवर्चलायां प्रतीह उपजात: ॥ ३ ॥
अनुवाद
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इसके बाद, देवताजित् की पत्नी आसुरी के गर्भ से देवद्युम्न नामक पुत्र का जन्म हुआ। देवद्युम्न की पत्नी धेनुमती के गर्भ से परमेष्ठी नामक पुत्र हुआ और परमेष्ठी की पत्नी सुवर्चला के गर्भ से प्रतीह नाम के पुत्र का जन्म हुआ।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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