श्रील शुकदेव गोस्वामी ने आगे कहा—महाराज भरत के पुत्र सुमति ने ऋषभदेव के मार्ग का अनुसरण किया, किन्तु कलियुग में कुछ पाखंडी लोग उन्हें साक्षात् भगवान् बुद्ध मानने लगेंगे। वस्तुत: ये पाखंडी नास्तिक और दुश्चरित्र लोग हैं, जो वैदिक नियमों का पालन काल्पनिक तथा अप्रसिद्ध ढंग से अपने कर्मों की पुष्टि के लिए करेंगे। इस प्रकार ये पापात्मा सुमति को भगवान् बुद्धदेव के रूप में स्वीकार करेंगे और इस मत का प्रवर्तन करेंगे कि प्रत्येक व्यक्ति को सुमति के नियमों का पालन करना चाहिए। इस प्रकार वे अपनी कोरी कल्पना के कारण रास्ते से भटक जाएँगे।