न वयं नरदेव प्रमत्ता भवन्नियमानुपथा: साध्वेव वहाम: । अयमधुनैव नियुक्तोऽपि न द्रुतं व्रजति नानेन सह वोढुमु ह वयं पारयाम इति ॥ ४ ॥
अनुवाद
हे स्वामी, आप जानते हैं कि हम अपना काम बिल्कुल भी लापरवाही से नहीं करते। हम आपकी इच्छा के अनुसार निष्ठा से पालकी उठा रहे हैं। लेकिन यह आदमी, जिसे हाल ही में काम पर रखा गया है, वह तेज़ी से नहीं चल पा रहा है। इसलिए हम उसके साथ पालकी उठाने में असमर्थ हैं।