खर्जूराम्रातकाम्राद्यै: प्रियालमधुकेङ्गुदै: ।
द्रुमजातिभिरन्यैश्च राजितं वेणुकीचकै: ॥ १८ ॥
अनुवाद
कैलास पर्वत क्षेत्र में आम, प्रियाल, महुआ और च्यूर के वृक्ष हैं। इनके अलावा वहाँ बांस, कीचक और अन्य बाँसों की किस्में भी हैं जो इस क्षेत्र की शोभा बढ़ाती हैं।