मन्दारै: पारिजातैश्च सरलैश्चोपशोभितम् ।
तमालै: शालतालैश्च कोविदारासनार्जुनै: ॥ १४ ॥
चूतै: कदम्बैर्नीपैश्च नागपुन्नागचम्पकै: ।
पाटलाशोकबकुलै: कुन्दै: कुरबकैरपि ॥ १५ ॥
अनुवाद
कैलास पर्वत पर अनेक प्रकार के वृक्ष हैं, जिनमें से उल्लेखनीय हैं— मन्दार, पारिजात, सरल, तमाल, ताल, कोविदार, आसन, अर्जुन, आम्र-जाति, कदम्ब, धूलि-कदम्ब, नाग, पुन्नाग, चम्पक, पाटल, अशोक, बकुल, कुंद और कुरबक। ये सभी वृक्ष सुगन्धित पुष्पों से भरे हैं, जो पूरे पर्वत को सुगन्धित बनाते हैं।