भगवान् का चेहरा अत्यन्त सुन्दर था और उनका सिर एक चमकीले मुकुट और सुनहरे आभूषणों से सजा था। मुकुट झिलमिला रहा था और उनके सिर पर शोभायमान था। भगवान् की आठ भुजाएँ थीं, प्रत्येक में एक विशिष्ट हथियार था। वे देवताओं, महान ऋषियों और अन्य सहयोगियों से घिरे हुए थे, जो सभी उनकी सेवा में लगे हुए थे। भगवान् का वाहन, गरुड़, अपने पंखों को फड़फड़ाते हुए वैदिक मंत्रों के साथ उनकी महिमा का गुणगान कर रहा था, जैसे कि वह किन्नरलोक का निवासी हो।