कालकन्या से मिले आलिंगन ने धीरे-धीरे राजा पुरञ्जन का सारा शारीरिक सौंदर्य छीन लिया। अत्यधिक विषयासक्त हो जाने से उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई और उसका सारा ऐश्वर्य नष्ट हो गया। जब उसके पास कुछ भी नहीं बचा तो गन्धर्वों तथा यवनों ने बलपूर्वक उसे परास्त कर दिया।