श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 4: चतुर्थ आश्रम की उत्पत्ति  »  अध्याय 28: अगले जन्म में पुरञ्जन को स्त्री-योनि की प्राप्ति  »  श्लोक 30
 
 
श्लोक  4.28.30 
 
 
तस्यां स जनयां चक्र आत्मजामसितेक्षणाम् ।
यवीयस: सप्त सुतान् सप्त द्रविडभूभृत: ॥ ३० ॥
 
अनुवाद
 
  राजा मलयध्वज के एक सुंदर पुत्री हुई जिसकी आँखें काली थीं। बाद में उनकी सात पुत्र भी हुए, जो आगे चलकर द्रविड़ नामक देश के शासक बने। इस प्रकार उस देश में सात राजा हुए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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