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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 4: चतुर्थ आश्रम की उत्पत्ति
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अध्याय 28: अगले जन्म में पुरञ्जन को स्त्री-योनि की प्राप्ति
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श्लोक 29
श्लोक
4.28.29
उपयेमे वीर्यपणां वैदर्भीं मलयध्वज: ।
युधि निर्जित्य राजन्यान् पाण्ड्य: परपुरञ्जय: ॥ २९ ॥
अनुवाद
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यह निश्चित किया गया कि राजा विदर्भ की पुत्री वैदर्भी का विवाह अति शक्तिशाली व्यक्ति मलयध्वज से होगा, जो पाण्डुदेश का निवासी था। उसने अन्य राजकुमारों को हराकर राजा विदर्भ की पुत्री से विवाह कर लिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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