नारद उवाच
सैनिका भयनाम्नो ये बर्हिष्मन् दिष्टकारिण: ।
प्रज्वारकालकन्याभ्यां विचेरुरवनीमिमाम् ॥ १ ॥
अनुवाद
महर्षि नारद ने आगे कहा : हे राजा प्राचीनबर्हिषत्, तत्पश्चात् यवनराज जिसका नाम भय है, प्रज्वार, कालकन्या एवं अपने योद्धाओं सहित सारे संसार का भ्रमण करने लगा।