रामा ऊचु:
नरनाथ न जानीमस्त्वत्प्रिया यद्वयवस्यति ।
भूतले निरवस्तारे शयानां पश्य शत्रुहन् ॥ १७ ॥
अनुवाद
सभी स्त्रियाँ राजा से बोलीं: हे प्रजा के स्वामी, हम नहीं जानतीं कि आपकी प्रिया पत्नी ने यह स्थिति क्यों बना रखी है। हे शत्रुओं को मारने वाले ! कृपा करके देखिए। वे बिना बिस्तर के जमीन पर पड़ी हुई हैं। हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वे ऐसा क्यों कर रही हैं।