अन्यों के साथ रति कैसे कर सकती हूँ क्योंकि उन्हें रति का ज्ञान नहीं है ना ही वे जीवित या मृत्यु के बाद के जीवन का भोग करना जानते हैं? ऐसे मूर्ख व्यक्ति पशुओं से बढ़कर नहीं हैं क्योंकि वे इस जीवन या मृत्यु के बाद इन्द्रियों के भोग की क्रिया को नहीं जानते हैं।