का त्वं कञ्जपलाशाक्षि कस्यासीह कुत: सति ।
इमामुप पुरीं भीरु किं चिकीर्षसि शंस मे ॥ २६ ॥
अनुवाद
हे कमल के समान सुन्दर आँखों वाली, कृपया मुझे यह बताओ कि तुम कहाँ से आ रही हो, तुम कौन हो और तुम किसकी बेटी हो? तुम अत्यंत पवित्र लगती हो। यहाँ आने का तुम्हारा उद्देश्य क्या है? तुम क्या करना चाह रही हो? कृपया मुझे इन सभी बातों को बताओ।