नीलरक्तोत्पलाम्भोजकह्लारेन्दीवराकरम् ।
हंससारसचक्राह्वकारण्डवनिकूजितम् ॥ २१ ॥
अनुवाद
उस विशाल सरोवर में अलग-अलग किस्म के कमल के फूल थे। कुछ कमल नीले थे और कुछ लाल थे। कुछ कमल रात में खिलते थे, कुछ दिन में और इन्दीवर की तरह कुछ कमल शाम में खिलते थे। इन सब फूलों से सरोवर ऐसा भर गया था कि वह कमलों की खान जैसा दिखाई दे रहा था। इस कारण से सरोवर के किनारे हंस, सारस, चक्रवाक, कारण्डव और दूसरे खूबसूरत जलपक्षी खड़े दिखाई दे रहे थे।