चन्दनागुरुतोयार्द्ररथ्याचत्वरमार्गवत् ।
पुष्पाक्षतफलैस्तोक्मैर्लाजैरर्चिर्भिरर्चितम् ॥ २ ॥
अनुवाद
पूरे शहर की गलियों, सड़कों और छोटे-छोटे पार्कों को चंदन और अरगजा के सुगंधित जल से सींचा गया था। साथ ही, हर जगह पूरे फलों, फूलों, भींगे हुए अनाजों, कई तरह के खनिजों और दीपों की सजावट से सजाया गया था। सारी शुभ वस्तुओं के नज़ारे दिख रहे थे।