न यष्टव्यं न दातव्यं न होतव्यं द्विजा: क्वचित् ।
इति न्यवारयद्धर्मं भेरीघोषेण सर्वश: ॥ ६ ॥
अनुवाद
राजा वेन ने अपने राज्यभर में यह ढिंढोरा पिटवा दिया कि सभी द्विज (ब्राह्मणों) को अब से किसी भी तरह का यज्ञ करने, दान देने या घृत अर्पण करने की मनाही है। दूसरे शब्दों में, उसने सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान बंद करा दिए।