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अध्याय 13: ध्रुव महाराज के वंशजों का वर्णन
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श्लोक 12
श्लोक
4.13.12
स्वर्वीथिर्वत्सरस्येष्टा भार्यासूत षडात्मजान् ।
पुष्पार्णं तिग्मकेतुं च इषमूर्जं वसुं जयम् ॥ १२ ॥
अनुवाद
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राजा वत्सर की एक अत्यंत प्रिय पत्नी थी जिसका नाम स्वर्वीथि था और उसने छह पुत्रों को जन्म दिया, जिनके नाम थे पुष्पार्ण, तिग्मकेतु, इष, ऊर्ज, वसु और जय।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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