श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 4: चतुर्थ आश्रम की उत्पत्ति  »  अध्याय 1: मनु की पुत्रियों की वंशावली  »  श्लोक 7
 
 
श्लोक  4.1.7 
 
 
तोष: प्रतोष: सन्तोषो भद्र: शान्तिरिडस्पति: ।
इध्म: कविर्विभु: स्वह्न: सुदेवो रोचनो द्विषट् ॥ ७ ॥
 
अनुवाद
 
  यज्ञ और दक्षिणा के बारह पुत्रों के नाम क्रमशः तोष, प्रतोष, संतोष, भद्र, शांति, इडस्पति, इध्म, कवि, विभु, स्वह्न, सुदेव और रोचन थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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