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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 4: चतुर्थ आश्रम की उत्पत्ति
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अध्याय 1: मनु की पुत्रियों की वंशावली
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श्लोक 40
श्लोक
4.1.40
ऊर्जायां जज्ञिरे पुत्रा वसिष्ठस्य परन्तप ।
चित्रकेतुप्रधानास्ते सप्त ब्रह्मर्षयोऽमला: ॥ ४० ॥
अनुवाद
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महान ऋषि वसिष्ठ ने अपनी पत्नी ऊर्जा से, जिसे अरुन्धती भी कहा जाता है, सात पुत्रों को जन्म दिया जो सभी बड़े ऋषि थे। उनमें से एक का नाम चित्रकेतु था।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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