श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 4: चतुर्थ आश्रम की उत्पत्ति  »  अध्याय 1: मनु की पुत्रियों की वंशावली  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  4.1.15 
 
 
अत्रे: पत्‍न्यनसूया त्रीञ्जज्ञे सुयशस: सुतान् ।
दत्तं दुर्वाससं सोममात्मेशब्रह्मसम्भवान् ॥ १५ ॥
 
अनुवाद
 
  अत्रि मुनि की पत्नी अनसूया ने तीन बहुत प्रसिद्ध पुत्रों को जन्म दिया - सोम, दत्तात्रेय और दुर्वासा। ये तीनों भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा के अंशावतार थे। सोम भगवान ब्रह्मा के अंशावतार थे, दत्तात्रेय भगवान विष्णु के अंशावतार थे, और दुर्वासा भगवान शिव के अंशावतार थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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