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श्लोक 7
श्लोक
3.31.7
कटुतीक्ष्णोष्णलवणरूक्षाम्लादिभिरुल्बणै: ।
मातृभुक्तैरुपस्पृष्ट: सर्वाङ्गोत्थितवेदन: ॥ ७ ॥
अनुवाद
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माता द्वारा खट्टे, नमकीन या कड़वे भोजन का सेवन करने से शिशु के शरीर में निरंतर पीड़ा रहती है, जो अक्सर असहनीय होती है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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