तस्य त्वं तमसोऽन्धस्य दुष्पारस्याद्य पारगम् ।
सच्चक्षुर्जन्मनामन्ते लब्धं मे त्वदनुग्रहात् ॥ ८ ॥
अनुवाद
हे प्रभु, आप ही अज्ञान के इस घोर अंधेरे से बाहर निकलने का एकमात्र साधन हैं, क्योंकि आप ही मेरी वो दिव्य दृष्टि हैं जिसे मैंने आपके अनुग्रह से अनेक जन्मों के पश्चात् प्राप्त किया है।