श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 24: कर्दम मुनि का वैराग्य  »  श्लोक 38
 
 
श्लोक  3.24.38 
 
 
गच्छ कामं मयापृष्टो मयि संन्यस्तकर्मणा ।
जित्वा सुदुर्जयं मृत्युममृतत्वाय मां भज ॥ ३८ ॥
 
अनुवाद
 
  अब, मेरे आदेश से, तुम मेरे प्रति समर्पित होकर जहाँ भी चाहो, जाओ। अजेय मृत्यु को जीतते हुए अनन्त जीवन के लिए मेरी पूजा करो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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