श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 24: कर्दम मुनि का वैराग्य  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  3.24.12 
 
 
ब्रह्मोवाच
त्वया मेऽपचितिस्तात कल्पिता निर्व्यलीकत: ।
यन्मे सञ्जगृहे वाक्यं भवान्मानद मानयन् ॥ १२ ॥
 
अनुवाद
 
  ब्रह्माजी ने कहा: हे मेरे प्यारे पुत्र कर्दम, चूँकि तुमने मेरे उपदेशों का आदर करते हुए बिना किसी कपट के उनका पालन किया है, इस प्रकार तुमने मेरी अच्छी तरह से पूजा की है। तुमने मेरे सारे उपदेशों का पालन किया है और ऐसा करके तुमने मेरा सम्मान किया है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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