वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 3: यथास्थिति
»
अध्याय 22: कर्दममुनि तथा देवहूति का परिणय
»
श्लोक 10
श्लोक
3.22.10
यदा तु भवत: शीलश्रुतरूपवयोगुणान् ।
अशृणोन्नारदादेषा त्वय्यासीत्कृतनिश्चया ॥ १० ॥
अनुवाद
play_arrowpause
जबसे इसे नारद मुनि से आपके सद्गुण, विद्या, रूप, यौवन और अन्य गुणों के बारे में सुना है तबसे इसका मन आपमें रम गया है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.