श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 21: मनु-कर्दम संवाद  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  3.21.6 
 
 
मैत्रेय उवाच
प्रजा: सृजेति भगवान् कर्दमो ब्रह्मणोदित: ।
सरस्वत्यां तपस्तेपे सहस्राणां समा दश ॥ ६ ॥
 
अनुवाद
 
  महान ऋषि मैत्रेय ने उत्तर दिया – प्रभु ब्रह्मा जी के निर्देशानुसार लोकों में संतान उत्पन्न करने के लिए पूजनीय कर्दम मुनि ने सरस्वती नदी के किनारे दस हज़ार वर्षों तक तपस्या की।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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