श्रीमद् भागवतम » स्कन्ध 3: यथास्थिति » अध्याय 21: मनु-कर्दम संवाद » श्लोक 36 |
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| | श्लोक 3.21.36  | |  | | मनु: स्यन्दनमास्थाय शातकौम्भपरिच्छदम् ।
आरोप्य स्वां दुहितरं सभार्य: पर्यटन्महीम् ॥ ३६ ॥ | | अनुवाद | | स्वायंभुव मनु ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर स्वर्ण के गहनों से सजे रथ पर सवार होकर अपनी बेटी को भी उस पर बैठाया और पूरी पृथ्वी की यात्रा शुरू की। | |
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