वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 3: यथास्थिति
»
अध्याय 20: मैत्रेय-विदुर संवाद
»
श्लोक 14
श्लोक
3.20.14
तानि चैकैकश: स्रष्टुमसमर्थानि भौतिकम् ।
संहत्य दैवयोगेन हैममण्डमवासृजन् ॥ १४ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
अलग-अलग रहने पर विश्व की रचना करने में असमर्थ होने के कारण ऊर्ध्वशक्ति का सहयोग लेकर उन्होंने एक साथ मिलकर एक चमकते हुए अंडे को उत्पन्न किया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.