श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 2: भगवान् कृष्ण का स्मरण  »  श्लोक 30
 
 
श्लोक  3.2.30 
 
 
प्रयुक्तान् भोजराजेन मायिन: कामरूपिण: ।
लीलया व्यनुदत्तांस्तान् बाल: क्रीडनकानिव ॥ ३० ॥
 
अनुवाद
 
  भोज के राजा कंस ने कृष्ण को मारने के लिए उन जादूगरों को नियुक्त किया था जो किसी भी रूप में बदल सकते थे। परन्तु अपने लीलाओं के दौरान भगवान ने उन सबों को उतनी ही आसानी से मार डाला जिस प्रकार कोई बालक खिलौनों को तोड़ देता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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