निश्चय ही, मैंने रसातलवासियों की निधि चुरा ली है और सारी लाज-शर्म खो दी है। यद्यपि तुम्हारी पराक्रमी गदा से प्रताड़ित होकर मुझे कष्ट हो रहा है, तथापि मैं कुछ काल तक यहीं जल में रहूँगा क्योंकि तुम जैसे पराक्रमी शत्रु से वैर ठान कर अब मेरे लिए अन्यत्र जाने के लिए कोई ठिकाना भी नहीं है।