श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 14: संध्या समय दिति का गर्भ-धारण  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  3.14.6 
 
 
ययोत्तानपद: पुत्रो मुनिना गीतयार्भक: ।
मृत्यो: कृत्वैव मूर्ध्‍न्यङ्‌घ्रि मारुरोह हरे: पदम् ॥ ६ ॥
 
अनुवाद
 
  इन कथाओं को मुनि (नारद) से सुनकर राजा उत्तानपाद के पुत्र (ध्रुव) को भगवान के स्वरूप के बारे में समझ आ गई, और वह मृत्यु पर विजय प्राप्त करके भगवान के धाम पहुँच गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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