श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 14: संध्या समय दिति का गर्भ-धारण  »  श्लोक 39
 
 
श्लोक  3.14.39 
 
 
भविष्यतस्तवाभद्रावभद्रे जाठराधमौ ।
लोकान् सपालांस्त्रींश्चण्डि मुहुराक्रन्दयिष्यत: ॥ ३९ ॥
 
अनुवाद
 
  हे अहंकारी नारी! तेरी पापमयी कोख से दो नीच पुत्र जन्म लेंगे। हे अभागिन! वे तीनों लोकों के लिए लगातार शोक का कारण बनेंगे।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.