दितिरुवाच
न मे गर्भमिमं ब्रह्मन् भूतानामृषभोऽवधीत् ।
रुद्र: पतिर्हि भूतानां यस्याकरवमंहसम् ॥ ३४ ॥
अनुवाद
सुन्दर दिति ने कहा : हे ब्राह्मण, कृपया ध्यान रखें कि समस्त प्राणियों के स्वामी भगवान् शिव मेरे इस गर्भ को नष्ट न कर दें, क्योंकि मैंने उनके विरुद्ध महान अपराध किया है।