श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 14: संध्या समय दिति का गर्भ-धारण  »  श्लोक 34
 
 
श्लोक  3.14.34 
 
 
दितिरुवाच
न मे गर्भमिमं ब्रह्मन् भूतानामृषभोऽवधीत् ।
रुद्र: पतिर्हि भूतानां यस्याकरवमंहसम् ॥ ३४ ॥
 
अनुवाद
 
  सुन्दर दिति ने कहा : हे ब्राह्मण, कृपया ध्यान रखें कि समस्त प्राणियों के स्वामी भगवान् शिव मेरे इस गर्भ को नष्ट न कर दें, क्योंकि मैंने उनके विरुद्ध महान अपराध किया है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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