ब्रह्मादयो यत्कृतसेतुपाला
यत्कारणं विश्वमिदं च माया ।
आज्ञाकरी यस्य पिशाचचर्या
अहो विभूम्नश्चरितं विडम्बनम् ॥ २९ ॥
अनुवाद
ब्रह्मा जैसे देवता भी उनके द्वारा अपनाए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं। वे उस भौतिक शक्ति के नियंता हैं जो भौतिक जगत का सृजन करती है। वे महान हैं, इसलिए उनके पिशाचवत् गुण मात्र नकल हैं।