श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 14: संध्या समय दिति का गर्भ-धारण  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  3.14.22 
 
 
अथापि काममेतं ते प्रजात्यै करवाण्यलम् ।
यथा मां नातिरोचन्ति मुहूर्तं प्रतिपालय ॥ २२ ॥
 
अनुवाद
 
  यद्यपि मैं तुम्हारा ऋण चुकाने में असमर्थ हूँ, किंतु संतान प्राप्त करने हेतु मैं तुम्हारी कामवासना को तुरंत संतुष्ट कर दूँगा। परंतु तुम कुछ क्षणों तक प्रतीक्षा करो ताकि अन्य लोग मेरी आलोचना न कर सकें।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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