अथ मे कुरु कल्याणं कामं कमललोचन ।
आर्तोपसर्पणं भूमन्नमोघं हि महीयसि ॥ १५ ॥
अनुवाद
हे कमल नेत्रों वाले, कृपा करके मेरी इच्छा पूरी करके मुझे आशीर्वाद दें। जब कोई दुःखी या परेशान व्यक्ति किसी महान व्यक्ति के पास जाता है, तो उसकी प्रार्थना कभी भी व्यर्थ नहीं जानी चाहिए।