स त्वमस्यामपत्यानि सदृशान्यात्मनो गुणै: ।
उत्पाद्य शास धर्मेण गां यज्ञै: पुरुषं यज ॥ ११ ॥
अनुवाद
चूँकि तुम मेरे अति आज्ञाकारी पुत्र हो, इसलिए मैं तुम्हें आदेश देता हूँ कि तुम अपनी पत्नी के गर्भ से स्वयं के समान योग्य संतानें उत्पन्न करो। तुम पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान की भक्ति के सिद्धांतों का पालन करते हुए सारे जगत पर राज करो और इस तरह यज्ञों को पूर्ण करके भगवान की आराधना करो।