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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 3: यथास्थिति
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अध्याय 12: कुमारों तथा अन्यों की सृष्टि
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श्लोक 43
श्लोक
3.12.43
वैखानसा वालखिल्यौदुम्बरा: फेनपा वने ।
न्यासे कुटीचक: पूर्वं बह्वोदो हंसनिष्क्रियौ ॥ ४३ ॥
अनुवाद
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वानप्रस्थ जीवन के चार विभाग हैं- वैखानस, वालखिल्य, औदुंबर और फेनप। संन्यास आश्रम के चार विभाग हैं- कुटीचक, बह्वोद, हंस और निष्क्रिय। ये सभी विभाग ब्रह्मा से ही उत्पन्न हुए हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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