ससर्जाग्रेऽन्धतामिस्रमथ तामिस्रमादिकृत् ।
महामोहं च मोहं च तमश्चाज्ञानवृत्तय: ॥ २ ॥
अनुवाद
ब्रह्मा ने सबसे पहले अज्ञानतापूर्ण प्रवृत्तियों को बनाया, जैसे कि स्वयं को धोखा देना, मौत का डर, हताशा के बाद क्रोध, झूठी स्वामित्व की भावना और शरीर के प्रति मोह या अपने वास्तविक स्वरूप को भूल जाना।