श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 12: कुमारों तथा अन्यों की सृष्टि  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  3.12.19 
 
 
तपसैव परं ज्योतिर्भगवन्तमधोक्षजम् ।
सर्वभूतगुहावासमञ्जसा विन्दते पुमान् ॥ १९ ॥
 
अनुवाद
 
  केवल तपस्या के द्वारा ही उस भगवान् के व्यक्तित्व के पास पहुँचा जा सकता है, जो प्रत्येक जीव के हृदय के भीतर हैं और सभी इन्द्रियों की पहुँच से परे भी हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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