वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 3: यथास्थिति
»
अध्याय 12: कुमारों तथा अन्यों की सृष्टि
»
श्लोक 19
श्लोक
3.12.19
तपसैव परं ज्योतिर्भगवन्तमधोक्षजम् ।
सर्वभूतगुहावासमञ्जसा विन्दते पुमान् ॥ १९ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
केवल तपस्या के द्वारा ही उस भगवान् के व्यक्तित्व के पास पहुँचा जा सकता है, जो प्रत्येक जीव के हृदय के भीतर हैं और सभी इन्द्रियों की पहुँच से परे भी हैं।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.