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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 3: यथास्थिति
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अध्याय 12: कुमारों तथा अन्यों की सृष्टि
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श्लोक 15
श्लोक
3.12.15
इत्यादिष्ट: स्वगुरुणा भगवान्नीललोहित: ।
सत्त्वाकृतिस्वभावेन ससर्जात्मसमा: प्रजा: ॥ १५ ॥
अनुवाद
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उस अति शक्तिशाली रुद्र ने, जिनका शारीरिक रंग नीला और लाल मिश्रित था, अपने ही जैसे स्वरूप, बल और उग्र स्वभाव वाली अनेक सन्तानें उत्पन्न कीं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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