वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 3: यथास्थिति
»
अध्याय 11: परमाणु से काल की गणना
»
श्लोक 42
श्लोक
3.11.42
तदाहुरक्षरं ब्रह्म सर्वकारणकारणम् ।
विष्णोर्धाम परं साक्षात्पुरुषस्य महात्मन: ॥ ४२ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
इसलिए भगवान श्रीकृष्ण सभी कारणों के मूल कारण हैं। इस प्रकार विष्णु का आध्यात्मिक धाम निस्संदेह शाश्वत है और यह सभी अभिव्यक्तियों की उत्पत्ति महाविष्णु का भी धाम है।
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध तीन के अंतर्गत ग्यारहवाँ अध्याय समाप्त होता है ।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.