श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 11: परमाणु से काल की गणना  »  श्लोक 42
 
 
श्लोक  3.11.42 
 
 
तदाहुरक्षरं ब्रह्म सर्वकारणकारणम् ।
विष्णोर्धाम परं साक्षात्पुरुषस्य महात्मन: ॥ ४२ ॥
 
अनुवाद
 
  इसलिए भगवान श्रीकृष्ण सभी कारणों के मूल कारण हैं। इस प्रकार विष्णु का आध्यात्मिक धाम निस्संदेह शाश्वत है और यह सभी अभिव्यक्तियों की उत्पत्ति महाविष्णु का भी धाम है।
 
 
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध तीन के अंतर्गत ग्यारहवाँ अध्याय समाप्त होता है ।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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