श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 11: परमाणु से काल की गणना  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  3.11.36 
 
 
तस्यैव चान्ते कल्पोऽभूद् यं पाद्ममभिचक्षते ।
यद्धरेर्नाभिसरस आसील्लोकसरोरुहम् ॥ ३६ ॥
 
अनुवाद
 
  पहले ब्रह्मा कल्प के बाद का कल्प पद्म कल्प कहलाता है क्योंकि उस काल में विश्व रूपी कमल का फूल भगवान हरि के नाभि रूपी जलाशय से प्रकट हुआ था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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