विदुर उवाच
पितृदेवमनुष्याणामायु: परमिदं स्मृतम् ।
परेषां गतिमाचक्ष्व ये स्यु:कल्पाद् बहिर्विद: ॥ १६ ॥
अनुवाद
विदुर उवाच - पितृलोक, स्वर्गलोक एवं मनुष्यलोक के प्राणियों की आयु की जानकारी मैंने ले ली है। अब आप मुझे वेद-पुराणों के पार के विद्वान जीवों की आयु के बारे में बताएँ जो एक कल्प से भी परे की अवधि तक रहते हैं।