श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 11: परमाणु से काल की गणना  »  श्लोक 10
 
 
श्लोक  3.11.10 
 
 
यामाश्चत्वारश्चत्वारो मर्त्यानामहनी उभे ।
पक्ष: पञ्चदशाहानि शुक्ल: कृष्णश्च मानद ॥ १० ॥
 
अनुवाद
 
  यह भी गणना की गई है कि मनुष्य के एक दिन में चार पहर होते हैं, जिन्हें याम भी कहा जाता है और रात में भी चार प्रहर होते हैं। इसी तरह पन्द्रह दिन और पन्द्रह रातें मिलकर एक पखवाड़ा कहलाता है और एक महीने में दो पक्ष होते हैं, एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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