श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 2: ब्रह्माण्ड की अभिव्यक्ति  »  अध्याय 8: राजा परीक्षित द्वारा पूछे गये प्रश्न  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  2.8.9 
 
 
अज: सृजति भूतानि भूतात्मा यदनुग्रहात् ।
दद‍ृशे येन तद्रूपं नाभिपद्मसमुद्भव: ॥ ९ ॥
 
अनुवाद
 
  ब्रह्मा जी, जो किसी भौतिक कारण से नहीं, बल्कि भगवान की नाभि से निकलने वाले कमल के फूल से उत्पन्न हुए हैं, वे इस सृष्टि में जन्म लेने वाले सभी प्राणियों के स्रष्टा हैं। निश्चय ही, भगवान की कृपा से ही ब्रह्मा जी भगवान के रूप को देख पाए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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