अन्य लोग संपूर्ण ग्रह तंत्र को तीन श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं। पहली है निम्न ग्रहीय तंत्र जो पैरों पर है (पृथ्वी तक), दूसरी है मध्य ग्रहीय तंत्र जो नाभि पर है, और तीसरी है ऊपरी ग्रहीय तंत्र (स्वर्गलोक) जो छाती से लेकर परम पुरुष के सिर तक है।
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध दो के अंतर्गत पाँचवाँ अध्याय समाप्त होता है ।