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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 2: ब्रह्माण्ड की अभिव्यक्ति
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अध्याय 10: भागवत सभी प्रश्नों का उत्तर है
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श्लोक 43
श्लोक
2.10.43
तत: कालाग्निरुद्रात्मा यत्सृष्टमिदमात्मन: ।
संनियच्छति तत् काले घनानीकमिवानिल: ॥ ४३ ॥
अनुवाद
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इसके पश्चात युग के अंत में स्वयं भगवान रुद्र के रूप में संहारक होकर सृष्टि का अंत करेंगे जैसे वायु बादलों को हटा देती है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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