श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 2: ब्रह्माण्ड की अभिव्यक्ति  »  अध्याय 10: भागवत सभी प्रश्नों का उत्तर है  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  2.10.29 
 
 
आदित्सोरन्नपानानामासन् कुक्ष्यन्त्रनाडय: ।
नद्य: समुद्राश्च तयोस्तुष्टि: पुष्टिस्तदाश्रये ॥ २९ ॥
 
अनुवाद
 
  जब खाने-पीने की इच्छा हुई तो पेट, आँतें और धमनियाँ दिखाई दीं। नदियाँ और समुद्र इनके पोषण और चयापचय के स्रोत हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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