खट्वाङ्गो नाम राजर्षिर्ज्ञात्वेयत्तामिहायुष: ।
मुहूर्तात्सर्वमुत्सृज्य गतवानभयं हरिम् ॥ १३ ॥
अनुवाद
राजर्षि खट्वांग को जब यह समाचार मिला कि उनकी आयु का सिर्फ़ एक पल शेष है, तो उन्होंने तुरंत ही अपने आपको समस्त भौतिक कार्यकलापों से मुक्त करके परम रक्षक श्री भगवान की शरण में जा छिपे।